सागर विश्व विद्यालय
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आज बन गया मध्यप्रदेश का केंद्रीय विश्वविद्यालय ॥
ई में सबरे खूबई पढ़रय, दूर दूर सें आ कें पढ़रय
अफसर बनकें आगे बढ़रय, खूबई नाम कमा रय।
गौर बब्बा के गुन गारय
भैया, हम सब गौर बब्बा के गुन गारय।
सागर की पहाड़ियों पे
फैलो, जो भव्य विश्वविद्यालय
बीचों बीच बसो है ई के, विशाल नेहरू पुस्तकालय
अनेकों हैं विभाग यहां, नये नये विषयों को ज्ञान ले लो
छात्रावास में रहकर खाओ
पियो, और मस्ती से पढ़ लो
गौर साहब ने जीवन भर किया
संघर्ष, मगर हम सब खों सुख दे गये
जीवन भर की पूंजी अपनी
सागर विश्वविद्यालय को दान में दे गये।।
गौर साहब के पुनीत
कार्य की विश्व में पताका फहराओ,
देश की सेवा करके, सागर का मान वढ़ाओ, गौर साहब के गुण गाओ।
विवेकानंद जैन, वाराणसी